हैप्पी प्रिंस (Happy prince) Hindi stories for kids

 हैप्पी प्रिंस (Happy Prince) 

दुनिया में कई महान लेखक और नाटककार पैदा हुए, जिन्‍होंने कई तरकीब कहानियाँ लिखीं, जिससे हमें प्रेरणा मिलती है और नई-नई सीखों के साथ कुछ करने की इच्छा भी होती है। इनमें से ही एक कहानी है "Happy prince"।आइए, अब हम इस कहानी के बारे में कुछ जानते हैं।


परिचय (Introduction) 


ओसकर विल्ड (Oscar Wilde) एक प्रसिद्ध कवि और नाटककार थे। उनका जन्म 16 अक्टूबर 1854 को आयरलैंड में हुआ था। वे अपनी रचनाओं के लिए बहुत प्रसिद्ध थे। उनकी एक खूबसूरत रचना है "Happy Prince," जोकि 1888 में प्रकाशित हुई थी और The Happy Prince and Other Tales नामक उनकी किताब का एक हिस्सा थी।

कहानी (Story) 


शहर के बीचों-बीच एक भव्य और सुंदर सोने का बना राजा का स्टैच्यू खड़ा था। उसकी आँखों में कीमती नीलम जड़े थे, और उसकी तलवार पर चमकती हुई एक लाल रूबी लगी थी। सभी लोग उसकी भव्यता को देखकर प्रशंसा करते थे।

एक दिन, एक नन्ही चिड़िया शहर में आई और उस स्टैच्यू के पास बैठ गई। जैसे ही उसने अपने पंखों से चेहरा साफ किया, अचानक उस पर पानी की एक बूंद गिरी। उसने हैरानी से आकाश की ओर देखा, लेकिन वहाँ कोई बादल नहीं था। फिर एक और बूंद गिरी। चिड़िया ने ऊपर देखा तो पाया कि स्टैच्यू की आँखों से आँसू गिर रहे थे।

"तुम क्यों रो रहे हो?" चिड़िया ने पूछा।

"जब मैं जीवित था और मेरे पास दिल था," स्टैच्यू ने जवाब दिया, "तब मैं सुख-संपत्ति से घिरा हुआ था और लोगों ने मुझे 'हैप्पी प्रिंस' कहा। लेकिन अब, जब मैं ऊँचाई से इस शहर की गरीबी और दुख देखता हूँ, तो मैं कुछ भी करने में असमर्थ हूँ।"

"तुम अभी क्या देख रहे हो?" चिड़िया ने जिज्ञासा से पूछा।

"वहां एक गरीब महिला है, जो कपड़े सिल रही है। कोने में उसका बीमार बच्चा भूख से रो रहा है, लेकिन उसके पास उसे खिलाने के लिए कुछ नहीं है।"

"क्या तुम मेरी तलवार से रूबी निकालकर उस महिला को दे सकती हो? मैं तो हिल भी नहीं सकता।"

चिड़िया को दया आ गई। उसने अपनी चोंच से रूबी निकाली और उस गरीब महिला के घर ले गई। वहाँ उसने रूबी टेबल पर रख दी और अपने पंखों से बीमार बच्चे को हवा देने लगी। जब महिला ने रूबी देखी, तो उसकी आँखों में खुशी के आँसू आ गए।

अगली रात, चिड़िया फिर से स्टैच्यू के पास पहुँची और बोली, "अब मुझे जाना होगा। मेरे दोस्त मेरा इंतजार कर रहे हैं ताकि हम दक्षिण की ओर उड़ सकें।"

"ओह, मत जाओ चिड़िया, एक और रात मेरे साथ रहो," स्टैच्यू ने विनती की। "मैं एक गरीब लेखक को देख रहा हूँ, जो भूखा और ठंड से कांप रहा है। उसके पास मोमबत्ती खरीदने तक के पैसे नहीं हैं।"

चिड़िया को लेखक पर दया आ गई। उसने स्टैच्यू की एक आँख से नीलम निकाला और लेखक के पास ले गई। जब लेखक ने वह नीलम देखा, तो वह खुशी से झूम उठा और सोचने लगा कि यह किसी दयालु व्यक्ति ने भेजा होगा।अगले दिन, ठंड और बढ़ गई थी। चिड़िया फिर स्टैच्यू के पास पहुँची।"अब मुझे जाना ही होगा," उसने कहा।

"प्लीज, सिर्फ एक और रात मेरे साथ रहो," स्टैच्यू ने फिर अनुरोध किया। "मैं नीचे एक छोटी लड़की को देख रहा हूँ, जो माचिसें बेच रही है। लेकिन उसकी सारी माचिसें नदी में गिर गई हैं। अगर वह कुछ पैसे लेकर घर नहीं गई, तो उसके पिता उसे मारेंगे।"

अब चिड़िया ने स्टैच्यू की दूसरी आँख से नीलम निकाला और लड़की के हाथ में रख दिया। अब स्टैच्यू पूरी तरह अंधा हो गया था।

"अब तो तुम देख नहीं सकते, मैं तुम्हें अकेला नहीं छोड़ सकती," चिड़िया ने कहा।

अब चिड़िया शहर भर में घूमकर स्टैच्यू को वहाँ की गरीबी और लोगों के दुख-दर्द के बारे में बताने लगी।

"मेरे ऊपर की सोने की परत निकालकर सभी गरीबों में बाँट दो," स्टैच्यू ने कहा।

चिड़िया ने स्टैच्यू का सोना गरीबों में बाँट दिया। अब सभी के पास खाने के लिए कुछ था। लेकिन धीरे-धीरे ठंड और बढ़ गई। चिड़िया भी ठंड से कांपने लगी। उसने स्टैच्यू के पैरों के पास बैठकर अपने पंखों को फड़फड़ाया, लेकिन वह जान गई कि वह ज्यादा दिन तक जीवित नहीं रह पाएगी।

"गुडबाय, प्रिंस," उसने कहा। "अब मैं मरने जा रही हूँ।"

जैसे ही चिड़िया ने स्टैच्यू के सिर को चूमा, वह उसके पैरों में गिर गई और मर गई। उसी समय, स्टैच्यू के दिल के टुकड़े-टुकड़े हो गए।

अगले दिन, शहर के मेयर ने स्टैच्यू को बेकार घोषित कर दिया और उसे पिघलाने का आदेश दिया। लेकिन जब लोगों ने उसे जलाने की कोशिश की, तो उसका दिल नहीं जला। इसलिए उसे चिड़िया की लाश के साथ कचरे में फेंक दिया गया।

उसी समय, भगवान ने एक परी को धरती से सबसे अनमोल चीज़ लाने का आदेश दिया। परी ने चिड़िया का मृत शरीर और स्टैच्यू का टूटा हुआ दिल भगवान के पास ले जाकर कहा, "यह दोनों सबसे अनमोल चीजें हैं।"

भगवान ने मुस्कुराते हुए कहा, "तुमने सही चुना। यह चिड़िया अब मेरे स्वर्गिक बगीचे में हमेशा के लिए रहेगी और यह प्रिंस मेरे साथ स्वर्ग में रहेगा।"


सारांश (Summary) 

शहर के बीचों-बीच एक खूबसूरत सोने का स्टैच्यू था, जिसे "हैपी प्रिंस" कहा जाता था। उसकी आँखों में कीमती हीरे और तलवार पर एक लाल रूबी जड़ी थी। एक दिन एक छोटी चिड़िया वहाँ आकर बैठी और देखा कि स्टैच्यू की आँखों से आँसू गिर रहे हैं।

प्रिंस ने बताया कि जब वह जीवित था, तो वह महल में ऐश-आराम से रहता था, लेकिन अब ऊँचाई से वह शहर की गरीबी और दुख देख सकता है। लेकिन वह कुछ कर नहीं सकता। उसने चिड़िया से अनुरोध किया कि वह उसकी तलवार पर लगी रूबी एक गरीब महिला को दे दे, जिसका बीमार बच्चा भूखा था। चिड़िया ने ऐसा ही किया।

अगले दिन, प्रिंस ने चिड़िया से एक भूखे लेखक की मदद करने के लिए अपनी एक आँख का हीरा ले जाने को कहा। फिर, एक गरीब लड़की, जिसकी माचिसें पानी में गिर गई थीं, उसकी मदद के लिए दूसरी आँख देने को कहा। अब प्रिंस अंधा हो गया, तो चिड़िया ने फैसला किया कि वह उसे अकेला नहीं छोड़ेगी।

चिड़िया रोज़ शहर घूमकर प्रिंस को वहाँ की गरीबी के बारे में बताने लगी। तब प्रिंस ने कहा कि उसका सारा सोना गरीबों में बाँट दिया जाए। चिड़िया ने ऐसा ही किया। अब गरीबों के पास खाना था, लेकिन प्रिंस का स्टैच्यू साधारण हो गया।

सर्दियाँ आईं, और ठंड से चिड़िया मर गई। उसी समय, प्रिंस का दिल भी टूटकर बिखर गया। जब मेयर ने देखा कि स्टैच्यू अब सुंदर नहीं रहा, तो उसे तोड़ने का आदेश दिया। लेकिन उसका दिल नहीं जला और उसे चिड़िया के शव के साथ कूड़े में फेंक दिया गया।

भगवान ने अपनी परी को धरती से सबसे अनमोल चीज़ लाने के लिए कहा। परी चिड़िया और प्रिंस का टूटा हुआ दिल लेकर आई। भगवान ने कहा कि यह सही चुनाव है और अब चिड़िया और प्रिंस स्वर्ग में हमेशा के लिए आनंद से रहेंगे।

शिक्षा (Moral) 

यह कहानी हमें त्याग, दया और निस्वार्थ प्रेम का महत्व सिखाती है। हैप्पी प्रिंस और चिड़िया दोनों ने अपने सुख की परवाह किए बिना दूसरों की मदद की। यही सच्ची मानवता की पहचान है।




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